भारत कोरोना वायरस की चुनौती को अवसर में बदल सकता है  

वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस की चुनौती से सम्बंधित बादल अभी छँटना शुरू नहीं हुए हैं परंतु कुछ कुछ दिखाई देने लगा है कि आगे आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन हो सकते हैं। कई विकसित देश अब शायद चीन पर विदेशी व्यापार के सम्बंध में कुछ कम विश्वास करने लगें। इसका आभास जापान द्वारा की गई एक घोषणा से हो रहा है। जापान ने अपने देश की कम्पनियों को चीन से अपनी विनिर्माण इकाईयों को बंद कर विश्व के अन्य देशों में स्थानांतरित करने को कहा है एवं इसके लिए इन कम्पनियों को एक विशेष आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की भी घोषणा की है। जापान ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अपने देश के लिए लगभग एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। कई अमेरिकी कम्पनियाँ भी चीन से अपनी विनिर्माण इकाईयाँ अन्य देशों में स्थानांतरित करने पर गम्भीरता से विचार कर रही हैं। साथ ही, अमेरिका ने भी कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए लगभग दो लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसी प्रकार, कई अन्य देश एवं अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान भी विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणाएँ लगातार करते जा रहे हैं। इसी तारतम्य में यह कहा जा सकता है कि भारत यदि सही समय पर सही आर्थिक एवं विदेशी व्यापार से सम्बंधित निर्णय ले, जैसा कि अभी तक केंद्रीय सरकार ने कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से आगे आकर सक्रिय रूप से कई निर्णय लिए हैं, तब निश्चित ही भारत कोरोना वायरस की चुनौती को अवसर में बदल सकता है एवं चीन से स्थानांतरित हो रही विनिर्माण इकाईयों को भारत में आकर्षित कर सकता है। इस क्षेत्र में केंद्र सरकार ने काम करना शुरू भी कर दिया है।  

अब तो, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ पूरा विश्व ही यह मानने लगा है कि  कोरोना वायरस से लड़ने के मामले में, अन्य देशों की तुलना में, भारत की स्थिति बेहतर है क्योंकि भारत ने सही समय पर, न केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों बल्कि घरेलू उड़ानों एवं रेल यातायात को भी रोक दिया था। साथ ही, देश में लॉकडाउन भी सही समय पर लागू किया गया था। इससे देश में कोरोना वायरस के फैलने पर रोक लगी। आज अन्य कई बड़े देश भी भारत की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। भारत में प्रथम लॉक डाउन जो 21 दिनों के लिए था दिनांक 14 अप्रेल 2020 को समाप्त हुआ। परंतु, तुरंत ही दिनांक 15 अप्रेल 2020 से 19 दिनों का दूसरा लॉक डाउन लागू कर दिया गया। प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी देश के नागरिकों का लगातार आह्वान कर रहे हैं कि अब कोरोना वायरस को हमें किसी भी क़ीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने से रोकना है, साथ ही, स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज़ नहीं बढ़ना चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए देश के नागरिकों को घरों में ही रहने की प्रेरणा दी जा रही है एवं सोशल डिसटेंसिंग सम्बंधी नियमों का पूर्ण रूप से लागू किए जाने का प्रयास प्रशासन द्वारा लगातार किया जा रहा है। दूसरे लॉक डाउन में पहिले से भी ज़्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। न केवल अभी चुने हुए हॉट स्पॉट पर कड़ी नज़र रखी जा रही है बल्कि नए हॉट स्पॉट न बने इस हेतु भी गम्भीर प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर सक्रिय रूप से लिए गए कई निर्णयों के कारण  ही देश में कोरोना वायरस के फैलने को कम किया जा सका। अन्यथा, एक आकलन के अनुसार, यदि समय पर देश में लॉक डाउन लागू नहीं किया जाता तो देश में अभी तक शायद 12 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हो चुके होते। माननीय प्रधान मंत्री जी ने प्रथम लॉक डाउन की घोषणा करते समय कहा था कि जान है तो जहान है। अर्थात, पहिला उद्देश्य देश के नागरिकों की जान बचाना होना चाहिए, भले आर्थिक रूप से देश का कुछ नुक़सान हो। परंतु, जैसे ही अब स्थिति कुछ नियंत्रण में होती नज़र आ रही है तो माननीय प्रधान मंत्री ने दूसरे लॉक डाउन की घोषणा करते समय कहा था कि जान भी ज़रूरी एवं जहान भी ज़रूरी। अर्थात, नागरिकों की जान बचाने के साथ साथ अब देश की अर्थव्यवस्था को भी सम्हाला जाएगा।    

इसी कड़ी में, कुछ विशेष क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को चालू करने से सम्बंधित कुछ छूट दिए जाने की घोषणा की गई है। जिन जिलों में कोरोना वायरस का एक भी मरीज़ नहीं पाया गया हैं एवं जिन जिलों में कोरोना वायरस के नए मरीज़ सामने नहीं पाए जा रहे हैं उन जिलों में दिनांक 20 अप्रेल 2020 से निम्न प्रकार की छूट दी जा सकती है। हालाँकि, स्थानीय प्रशासन द्वारा इन जिलों में कोरोना वायरस पर निगरानी लगातार रखी जाएगी एवं यदि नागरिकों द्वारा इस सम्बंध में घोषित नियमों का पालन नहीं किया जाता है एवं कोरोना वायरस के नए मरीज़ पाए जाते हैं तो इन इलाक़ों में दी गई छूट वापिस ली जा सकेगी। आर्थिक गतिविधियों के लिए दी जा रही छूट में, माननीय प्रधान मंत्री महोदय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया गया है। अर्थात, उन आर्थिक गतिविधियों एवं विनिर्माण इकाईयों, जिनमे ग़रीब वर्ग के लोगों को स्थानीय स्तर पर ही तुरंत रोज़गार के अवसर उपलब्ध हों, को शीघ्र चालू करने का प्रयास किया जा रहा है।   

20 अप्रेल 2020 से रोज़मर्रा की ज़रूरतों से जुड़ी सेवाएँ प्रदान करने वाली दुकानें शुरू हो सकेंगी। यथा, किराना और राशन की दुकानें, फल-सब्ज़ी के ठेले, साफ़-सफ़ाई का सामान बेचने वाली दुकानें, डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें, बिजली कारीगर, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मेकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेज़ एवं ई-कामर्स कम्पनियाँ काम शुरू कर सकेंगी। डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए ज़रूरी मंज़ूरी लेनी होगी। ज़िला प्रशासन की यह ज़िम्मेदारी होगी कि वो सभी ज़रूरी सेवाओं की होम डिलीवरी का इंतज़ाम करें। एसा होने पर ज़्यादा लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे। दुकानों पर सोशल डिसटेंसिंग का पालन भी आवश्यक होगा। ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे भी खुल सकेंगे। राज्य सरकारों की यह ज़िम्मेदारी होगी कि इन दुकानों एवं ढाबों में सोशल डिस्टेंसिंग सम्बंधी नियमों का कढ़ाई से पालन हो। 

आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ़्तर भी खुल सकेंगे। परंतु, इनमें 50 प्रतिशत से अधिक स्टाफ़ की उपस्थिति नहीं होना चाहिए। केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और काल सेंटर भी खुल सकेंगे। ऑफ़िस और आवासीय परिसरों की निजी सुरक्षा और रखरखाव सम्बंधी सेवाएँ प्रदान करने वाले संस्थान भी खुल सकेंगे।

गाँवों और खेती किसानी से जुड़ी सेवाएँ और उद्योग भी 20 अप्रेल 2020 से प्रारम्भ किए जा सकेंगे। यथा, नगरीय निकाय की सीमा से बाहर गाँवों में स्थित उद्योगों में विनिर्माण की गतिविधियाँ प्रारम्भ की जा सकेंगी। गाँवों में स्थित ईंट भट्टों और फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जा सकेगा। कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउसिंग सर्विसेस भी प्रारम्भ की जा सकेंगी। मछली उत्पादन से सम्बंधित गतिविधियाँ (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगी। इसमें मछलियों का भोजन, रखरखाव, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री सम्बंधी गतिविधियाँ भी शामिल रहेंगी।। चाय, काफ़ी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि कार्य भी प्रारम्भ किये जा सकेगें। दूध का संग्रहण, प्रसंस्करण, वितरण और परिवहन हो सकेगा। पोल्ट्री फ़ार्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियों को भी चालू रखा जाएगा एवं पशुओं का खाना जैसे मक्का और सोया, आदि का निर्माण और वितरण भी हो सकेगा।

विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े उद्योग भी 20 अप्रेल 2020 से खोल दिए जाएँगे। ज़रूरी सामान से जुड़ी विनिर्माण इकाईयों में काम प्रारम्भ किया जा सकेगा। इनमें दवाईयों, फ़ार्मा और मेडिकल यंत्र (डिवाईस) बनाने वाली कम्पनियाँ शामिल हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मनरेगा कामगार भी अपना काम प्रारम्भ कर सकेंगे। एसी विनिर्माण इकाईयाँ जिनमें प्रसंस्करण को रोका नहीं जा सकता। उनकी आपूर्ति श्रंखला (सप्लाई चेन) भी प्रारंभ हो सकेगी।

विनिर्माण क्षेत्र एवं विशेष आर्थिक क्षेत्र (स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन), इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में स्थित कम्पनियों को अपने यहाँ काम करने वाले स्टाफ़ के रुकने की व्यवस्था कम्पनी परिसर में करनी होगी। अगर स्टाफ़ बाहर से आ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आने जाने के इंतज़ाम करने होंगे। शहरी क्षेत्र के बाहर सड़क, सिंचाई, बिल्डिंग, अक्षय ऊर्जा और सभी तरह के इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट में निर्माण शुरू हो सकेगा। अगर शहरी क्षेत्र में निर्माण परियोजना शुरू करना है तो इसके लिए मज़दूर साईट पर ही उपलब्ध होने चाहिए। कोई मज़दूर बाहर से नहीं लाया जाएगा।

बैंक, एटीएम खुले रहेंगे। पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन, सीएनजी, एलपीजी और पीएनजी की सप्लाई जारी रहेगी। डाक घर खुले रहेंगे, डाक सेवाएँ जारी रहेंगी। पूँजी (केपीटल) और डेट मार्केट सेबी के निर्देशों के अनुसार काम करेगें। अस्पताल, केमिस्ट, जन औषधि केंद्र और सभी तरह की दवा की दुकानें और मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें भी खुली रहेंगी। सभी केंद्रीय कार्यालय एवं इससे जुड़े दफ़्तर खुले रहेंगे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालय और उनसे जुड़े दफ़्तर भी खुले रहेंगे। सभी तरह के सामानों की आवाजाही हो सकेगी। 

कोरोना वायरस के चुनौती को अवसर में बदलने के उद्देश्य अब केंद्र सरकार द्वारा लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि देश में किसी भी प्रकार तरलता की कमी नहीं हो ताकि न केवल देश के नागरिकों बल्कि कृषि क्षेत्रों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, सेवा क्षेत्रों, बैंकों एवं विशाल उद्योगों को पर्याप्त पूँजी उपलब्ध रहे। दिनांक 17 अप्रेल 2020 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस सम्बंध में कई घोषणाएँ की हैं, जिनका विस्तृत वर्णन एवं इससे सम्बंधित सुझावों का उल्लेख आगामी लेख में किया जाएगा।