किसानों, युवाओं, महिलाओं एवं गरीब वर्ग को सुविधाओं के साथ ही बजटीय घाटे को कम करना केंद्र सरकार की सबसे बड़ी सफलता
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के लिए 9 प्राथमिकताएं तय की है। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना, युवाओं के लिए रोजगार के अधिकतम अवसर निर्मित करना एवं उनके कौशल को विकसित करना, गरीब नागरिकों को भी विकास में हिस्सेदारी देना एवं उन्हें सामाजिक न्याय देना, विनिर्माण इकाईयों को बढ़ावा देना, शहरी क्षेत्रों को विकसित करना, ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना, आधारभूत ढांचा विकसित करना, नवाचार, शोध एवं विकास करना तथा नई पीढ़ी के सुधार कार्यक्रमों को लागू करना।
प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना की अवधि को आगामी पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है, इस योजना के अंतर्गत 80 करोड़ नागरिकों को प्रतिमाह अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही, किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र के कई उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लगभग एक माह पूर्व ही बढ़ा दिया गया था। अब, देश में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से 32 उत्पादों के नए विकसित किए गए बीजों को किसानों के बीच लाया जा रहा है। इससे इन उत्पादों में कृषि पैदावार बढ़ेगी। प्राचीन भारत में कृषि क्षेत्र अति विकसित अवस्था में रहा है अतः अब एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि प्रणाली अपनाने हेतु चिन्हित किया जा रहा है ताकि पुरे विश्व की खाद्यान आवश्यकता पूर्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। किसानों की मदद के लिए देश में 10,000 बायो रिसर्च केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान इस बजट में किया गया है।
बजट का गहराई से अध्ययन करने पर ध्यान में आता है कि केंद्र सरकार ने देश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर निर्मित करने का मन बना लिया है। अतः न केवल कृषि क्षेत्र बल्कि उद्योग एवं सेवा क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र को बड़ी प्राथमिकता का क्षेत्र बनाया जा रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को लागू किया जा रहा है। इससे देश में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का भारी मात्रा में निर्माण होगा। रोजगार के नए अवसर निर्मित करने में महिलाओं को प्राथमिकता देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना भी प्रारम्भ की गई है। इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ नागरिकों के घरों में रूफ टॉप सोलर पैनल लगाकर उनके बिजली बिल पर होने वाले खर्चे को कम अथवा बिलकुल शून्य कर देना है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ गरीब व मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा जिनकी आय 2 लाख रुपए से कम है।
पूंजीगत खर्चों में भारी भरकम वृद्धि के बावजूद बजटीय घाटे को कम करने में केंद्र सरकार को सफलता मिली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजटीय घाटे को 4.9 प्रतिशत तक नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है जो कोरोना महामारी के बाद 8 प्रतिशत से भी अधिक हो गया था। इससे केंद्र सरकार को बाजार से ऋण लेने की आवश्यकता भी कम होगी।
कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं एवं गरीब वर्ग का विशेष ध्यान रखते हुए बजटीय घाटे को भी कम करने का सफल प्रयास किया गया है। यह अपने आप में केंद्र सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए।
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