कोरोना वायरस से निपटने हेतु केन्द्र सरकार ले रही कई आर्थिक
निर्णय
अब तो यह सर्व विदित ही है कि विश्व
स्वास्थ संगठन ने कोरोना वायरस को विश्व में महामारी घोषित कर दिया है. विश्व मे कई देशों यथा चीन,
इटली, स्पेन, ईरान, अमेरिका
एवं अन्य कई यूरोपीयन देशों में तो कोरोना वायरस ने सचमुच में ही महामारी का रूप ले लिया है क्योंकि इन देशों मे मरीजों की संख्या कई हजारों में हो गई है. पूरे विश्व में कोरोना वायरस से प्रभावित
मरीजों की संख्या 6.5 लाख
का आंकड़ा पार कर गई है एवं 30 ह्जार से अधिक
लोगों की मृत्यु हो चुकी है. भारत में चूंकि केन्द्र सरकार ने स्थिति
की गम्भीरता को शुरू से ही समझा एवं सुधारात्मक उपायों की घोषणा समय समय पर की जाती रही जिसके चलते भारत में स्थिति अभी भी नियंत्रण में बनी हुई है. भारत में मरीजों की संख्या
950 का आंकड़ा पार कर गई है एवं 24 व्यक्तियों की मृत्यु
हुई है. कुल मिलाकर, कोरोना वायरस मानव अस्तित्व के लिये आज एक बड़ा खतरा
बन गया है, जिससे
बचने के उपाय फिलहाल नहीं दिख रहे
हैं. कोरोना वायरस चूंकि
नागरिकों में इनके आपसी सम्पर्क में आने
से तेजी से फ़ैलता है, अतः यह जरूरी है कि नागरिकों को घरों
में ही रोका जाय एवं इन्हे आपस में मिलने से रोका जाय. भारत में कोरोना वायरस अभी दूसरे चरण में है एवं इसे
तीसरे चरण में जाने से रोकने के लिये देश के माननीय प्रधान मंत्री
श्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को देशव्यापी
21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसकी
मियाद 14 अप्रैल 2020 को
ख़त्म होगी.
लॉकडाउन से आश्य है कि देश में सभी नगरिकों को अपने अपने घरों में ही रहना
होगा एवं यह एक तरह से कर्फ़्यू की ही स्थिति कही जायेगी जिसके चलते देश में व्यावसायिक और अन्य गतिविधियों के रुक जाने के कारण गरीब वर्ग के नागरिकों, मजदूरों व अन्य कामगारों के लिये रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जायेगा. केन्द्र
सरकार ने स्थिति की गम्भीरता का आंकलन समय पर ही किया एवं कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को
राहत देने के उद्देश्य से वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.7 लाख करोड़ रूपये का एक पैकेज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देने की घोषणा की. सरकार की कोशिश है कि 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान देश में कोई भी
नागरिक भूखा न रहे. इस योजना के तहत डॉक्टर, पैरामेडिकल कर्मचारियों आदि
का 50 लाख रुपये का बीमा भी केन्द्र सरकार करवायेगी, क्योंकि यह वर्ग अपनी जान को जोखिम में डालकर देश के अन्य नागरिकों की जान बचा रहा है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण
योजना के
अन्तर्गत लगभग 80 करोड़ गरीब नागरिकों को अगले तीन महीनों तक 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल मुफ्त देने का प्रस्ताव
है. पीएम किसान सम्मान निधि के
तहत 2 हजार रूपये की किस्त 8.7 करोड़ किसानों के खाते में
अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में अंतरित कर दी जायेगी. मनरेगा के तहत दी जा रही मजदूरी को 182 रूपये से बढाकर 202 रूपये प्रतिदिन किया गया है, ताकि मजदूरों को आर्थिक
परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. बुजुर्ग, गरीब विधवा और गरीब दिव्यांगों को आगामी 3 महीनों तक एक हजार रूपये देने की भी बात कही गई है. इसी प्रकार, उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत लाभार्थी महिलाओं को अगले तीन महीनों तक मुफ्त में गैस सिलेंडर दिया जायेगा. बीस करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खातों में अगले तीन महीनों तक
हर महीने 500 रूपये जमा किये जायेंगे, ताकि उन्हें लॉकडाउन के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो.
कर्मचारी अपने भविष्य निधि
खाते से 75 प्रतिशत या 3 महीनों के वेतन के बराबर
पैसों की निकासी कर सकेंगे, जिसे उन्हें वापिस जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे एक बड़े वर्ग को आर्थिक
मदद मिलेगी.
महिलाओं द्वारा संचालित स्वं-सहायता समूह को अब 20 लाख रूपये तक ऋण बिना संपार्श्विक प्रतिभूति के दिया जायेगा, जिससे स्व-रोजगार का दायरा
व्यापक होगा. पंद्रह हजार रूपये तक मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों या
कामगारों का भविष्य निधि अंशदान अगले तीन महीनों तक सरकार देगी.
निर्माण क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ पंजीकृत कामगारों को आर्थिक मदद देने के लिये 31,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. उक्त घोषणाओं के पूर्व भी, 24 मार्च 2020 को सरकार ने एटीएम शुल्क एवं
खातों के न्यूनतम बैलेंस को खत्म कर और आयकर व जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अवधि
बढाकर लोगों को राहत देने का प्रयास किया था.
देश के नागरिकों को राहत देने
के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के उक्त निर्णयों के तुरंत बाद ही, भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 मार्च 2020 को मौद्रिक समीक्षा के दौरान आर्थिक मोर्चे पर कारोबारियों और आमजनों को राहत देने के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णयों की
घोषणा की. इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं - सभी मियादी ऋणों की क़िस्त एवं ब्याज की चुकौती
में 3 महीने की छूट देना, कार्यशील
पूंजी के ऋण की ब्याज अदायगी में भी 3 महीनों की छूट देना. कारोबारियों को सस्ती दर पर
ऋण मिल सके, इसके लिये केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 75 बेसिस पॉइंट कम किया है, जिससे यह 5.15 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत हो गई है। इससे ऋण की अदायगी हेतु मासिक किस्तों की राशी में भी कमी आयेगी.
संवाधिक तरलता अनुपात यानी
सीआरआर को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे बैंकिंग प्रणाली में 3.74 लाख करोड़ रूपये की नकदी का
प्रवाह होगा. सस्ती पूँजी उपलब्ध होने से बैंक सस्ती ब्याज दर पर कारोबारियों और आमजनों
को ऋण उपलब्ध करा सकेंगे. केन्द्र सरकार एवं केंद्रीय बैंक का भरपूर प्रयास है कि देश में नकदी की कमी नहीं हो। रिजर्व बैंक ने बैंकों
और वित्तीय संस्थानों को यह भी कहा है कि जरूरतमंदों को नकदी मुहैया कराना सुनिश्चित करें, ताकि अर्थव्यवस्था और आमजन को मौजूदा संकट से बाहर निकलने में
आसानी हो.
कहा जा सकता है कि कोरोना
वायरस के कारण जब आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप्प पड़ चुकी हैं, ऐसे में सरकार द्वारा गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के लिये 1.70 लाख करोड़ रूपये की मदद की घोषणा करने और केंद्रीय बैंक द्वारा
कारोबारियों और आमजन को राहत देने के लिये रेपो दर में कटौती करने, तीन महीनों के लिये क़िस्त एवं ब्याज की चुकौती में छूट देने, बैंकिंग प्रणाली में लाखों
करोड़ रूपये डालने आदि जैसे निर्णयों से कमजोर तबके, मध्यम वर्ग और कारोबारियों
को राहत मिलने की पूरी उम्मीद है. अब उम्मीद यह भी है कि अब देश इस आपदा से जल्द ही उबर जाएगा.
अन्त में यही कहा जा सकता है कि केन्द्र सरकार स्थिति
की गम्भीरता को काफी
पहले ही समझ चुकी थी, तभी तो माननीय प्रधान मन्त्री
महोदय ने दिनांक 19 मार्च 2020 को देश में 24 घन्टे के लाकडाउन की घोषणा
की थी. पूरा विश्व यह देखकर आश्चर्य चकित हुआ
था कि कैसे पूरे देश के 130 करोड लोगों ने माननीय श्री मोदी
जी की अपील का पालन किया. इसके बाद, दिनांक 24 मार्च 2020 को
माननीय श्री मोदी जी ने अपने उद्बोधन में देश की जनता से हाथ जोड़कर विनती की और 21 दिन के लाकडाऊन की घोषणा की. कोरोना वायरस की महा-आपदा से वैश्विक
स्तर पर लडने के लिये जी-20 देशों का वर्चुअल सम्मेलन भी भारत
की पहल पर बुलाया गया जिसमें विश्व के सभी महान नेताओं ने इस महामारी से एक साथ
लडने का संकल्प लिया.
3 Comments
Well described about dreaded corona : social distancing n self isolations:
ReplyDeleteWell described about dreaded corona : social distancing n self isolations:
ReplyDeleteGood initiatives and steps. There will be huge costs and painful recovery if it is not fully curtailed.
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