रोज़गार के अवसरों के सृजन हेतु भारतीय अर्थव्यवस्था को
५ लाख करोड़ डॉलर तक ले जाना ही होगा
देश के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना है कि देश को वर्ष 2024-25 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाय। इसका ज़िक्र देश की संसद में श्रीमती निर्मला सीतारमन, वित्त मंत्री, भारत सरकार ने दिनांक 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हुए भी किया था। इस हेतु निवेश, उपभोग, बचत, उत्पादकता, निर्यात एवं रोज़गार के अधिक अवसरों का निर्माण, राजकोषीय प्रबंधन, आदि क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। ताकि, देश के सकल घरेलू उत्पाद में ८ प्रतिशत से अधिक की वृधि लगातार दर्ज़ की जा सके। हालाँकि वर्तमान में जिस रफ़्तार से भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, उसके अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ डॉलर की बन सकती है। 5 साल पहिले भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 1.85 लाख करोड़ डॉलर का था जो अब बढ़कर 2.7 लाख करोड़ डॉलर का हो गया है एवं आज भारत, विश्व की सबसे बड़ी 6ठीं अर्थव्यवस्था है। चालू वित्त वर्ष में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। अतः यदि ईमानदार प्रयास किया जाय तो वर्ष 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है।
किसी भी देश की आर्थिक नीतियों की सफलता का पैमाना इस बात से भी लगाया जाना चाहिए कि उस देश में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की भलाई के लिए उस देश की सरकार द्वारा किस तरह की नीतियों का अनुसरण किया जा रहा है। वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आई माननीय श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा देश के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों के लिए बहुत कुछ करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
आज भी देश की लगभग 60 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण इलाक़ों में निवास कर रही है और अपनी आजीविका के लिए कृषि एवं उसकी सहायक गतिविधियों पर निर्भर है। । स्वाभाविक रूप से ग्रामीण इलाक़ों में निवास कर रहे लोगों के आर्थिक उत्थान पर ध्यान देने की विशेष आवश्यकता है। इससे भारतीय उत्पाद के लिए माँग उत्प्पन की जा सकती है। केंद्र में माननीय श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से ही ग़रीब तबके के लोगों के लिए कई योजनाओं का सफलता पूर्वक किर्यान्वयन किया गया है। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं, उज्जवला योजना - जिसके अंतर्गत 7 करोड़ से अधिक एलपीजी के कनेक्शन दिलवाए गए हैं। प्रधान मंत्री आवास योजना - जिसके अंतर्गत 1.50 करोड़ आवासों का निर्माण किया जा चुका है। सौभाग्य योजना - जिसके अंतर्गत 100 प्रतिशत गाँवों में बिजली उपलब्ध करवा दी गई है। स्वच्छ भारत अभियान - जिसके अंतर्गत 9.60 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। इस प्रकार देश को 2 ऑक्टोबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करने के लक्ष्य को भी हासिल कर लिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में, गाँव, ग़रीब एवं किसान को केंद्र में रखकर, उक्त योजनाओं को और आगे बढ़ाने हेतु कार्य किया जाना प्रस्तावित है। जैसे, प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.95 करोड़ नए आवासों का निर्माण वर्ष 2022 तक किया जाना प्रस्तावित है ताकि “हर परिवार को आवास” के नारे को धरातल पर लाया जा सके। साथ ही, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को बिजली एवं एलपीजी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना भी प्रस्तावित है।
किसानों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से किसानों को अन्नदाता से ऊर्ज़दाता बनाने हेतु एक योजना लायी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत, ग्रामीण इलाक़ों में ख़ाली पड़ी बंजर ज़मीन पर किसान, बिजली उत्पादन हेतु, सोलर पावर के संयत्र लगा सकेंगे। इन संयंत्रो से उत्पादित बिजली को सरकार द्वारा ही बिकवाने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, मत्स्य क्षेत्र समेत सहायक क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे को विकसित किया जाएगा। भारतीय किसानों ने दलहन की खेती के मामले में पिछले कुछ वर्षों के दौरान क्रांतिकारी कार्य किए हैं, जिससे दलहन की उपज में उल्लेखनीय वृधि दर्ज़ की गई है। अब भारतीय किसानों से तिलहन के क्षेत्र में भी इसी तरह के क्रांतिकारी कार्य किए जाने की उम्मीद की जा रही है ताकि तिलहन के आयात पर ख़र्च की जा रही बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को बचाया जा सके। वर्ष 2024 तक ग्रामीण इलाक़ों के हर घर में जल पहुचाने की व्यवस्था किया जाना भी प्रस्तावित है। इसके लिए अलग से “जल शक्ति मंत्रालय” बनाया गया है। प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के 97 प्रतिशत गाँवों को समस्त मौसम में उपलब्ध सड़कों के साथ जोड़ दिया गया है। अब इन सड़कों को अपग्रेड किया जा रहा है। ग्रामीण बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण की घोषणा की गई है। प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान भी चलाया जा रहा है, इस अभियान के अंतर्गत 2 करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटल क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस योजना को और अधिक जोश के साथ आगे बढ़ाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों को डिजिटल क्षेत्र में कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया जा सके। इससे ग्रामीणों की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृधि दर्ज़ होगी। “किसान सम्मान निधि” की घोषणा भी की गई थी। बजट में इस मद में रुपए 75,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अगले पाँच वर्षों में 10,000 किसान उत्पादक संगठन भी बनाए जाएँगे।
अतः देश की विकास दर को तेज़ करने के उद्देश्य से उक्त वर्णित उपायों के अतिरिक्त भी कई अन्य उपायों की घोषणा की गई है, इनमें से कुछ मुख्य उपायों का वर्णन नीचे किया जा रहा है -
(1) देश में सेवा, उद्योग एवं कृषि के क्षेत्रों में निवेश को गति देने के उद्देश्य से विदेशी निवेश एवं निजी क्षेत्र से निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है अतः इस संबंध में विदेशी पॉर्ट्फ़ोलीओ निवेशकों के लिए कई नियमों को आसान बनाया जा रहा है। बीमा क्षेत्र को पूँजी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, अतः बीमा मध्यस्थ (इंटरमीडिएटरी) क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जा रहा है।
(2) आधारभूत संरचना को मज़बूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में 210 किलोमीटर मेट्रो लाइन के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। भारतमाला के दूसरे चरण में राज्यों में सड़कों का जाल बिछाने के कार्य को और अधिक गति दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य भारतमाला, सागरमाला और उड़ान क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं को लागू करके ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के अंतर को पाटना है।
(3) देश में मौजूदा कारोबारी सुगमता को और भी सुगम बनाया जाएगा। इसके तहत नए कारोबार को शुरू करने में लगने वाले समय, वेयर हाउस बनाने में लगने वाले समय, बिजली कनेक्शन लेने हेतु लगने वाले समय, निर्यात में लगने वाले समय, आदि में बेहतरी लायी जाएगी।
(4) स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इनके आसान संचालन हेतु इस संबंध में कई नियमों को सरल बनाया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में रोज़गार के कई नए अवसर उत्पन्न होंगे।
(5) समस्त राज्यों को सस्ती दरों पर बिजली की उपलब्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से “एक राष्ट्र - एक ग्रिड” योजना को लागू किया जा रहा है।
(6) राजकोषीय घाटे को वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद के 3.4 प्रतिशत से कम करके वर्ष 2019-20 में 3.3 प्रतिशत पर लाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जीएसटी मद से हो रही कम उगाही के कारण, अप्रत्यक्ष कर की मद से राजस्व कम रहने के बावजूद भी, यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इसके लिए, पेट्रोल एवं डीज़ल पर उत्पाद शुल्क को बढ़ा दिया गया है। विनिवेश, भारतीय रिज़र्व बैंक एवं अन्य सरकारी उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश और स्प्रेक्ट्रम नीलामी के ज़रिए भी सरकार अपने राजस्व में वृधि करने का प्रयास कर रही है।
(7) केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकारी क्षेत्र के बैकों में, तरलता में वृधि करने के उद्देश्य से, रुपये 70,000 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। साथ ही, ग़ैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (एनबीएफसी) को भी राहत देने की कोशिश की गई है।
(8) वित्तीय वर्ष 2019-20 में, सरकारी उपक्रमों में रुपए 100,000 करोड़ से अधिक का विनिवेश भी किया जा रहा है।
(9)पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं उपयोग की बढ़ावा देगी। इसके लिए कई प्रोत्साहन योजनाएँ शुरू किया जा रहा है।
(10) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कारोबारियों (एमएसएमई) का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जीएसटी पंजीकरण वाले एमएसएमई को नयी एवं बढ़ती उधारी पर ब्याज में 2 प्रतिशत कटौती का दी जा रही है। जिन कम्पनियों का वार्षिक टर्नओवर रुपए 400 करोड़ है, उनके लिए कोरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया जा रहा है।
(11) 50,000 से अधिक कारीगरों/दस्तकारों को आर्थिक वैल्यू चैन में लाने के उद्देश्य से वर्ष 2019-20 में 100 नए समूहों का निर्माण किया जा रहा है।
(12) नक़दी लेनदेन पर रोक लगाने के मक़सद से भी प्रावधान किए गए हैं। अगर कोई कारोबारी साल भर में एक करोड़ रुपए से ज़्यादा नक़दी की निकासी करता है तो उसे 2 प्रतिशत की दर से स्त्रोत पर कर (टीडीएस) देना होगा।
(13) प्रतिवर्ष रुपए 1.50 करोड़ से कम कारोबार करने वाले 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन पेन्शन योजना लायी जा रही है।
(14) देश में करदाताओं के लिए अनुपालन आसान बनाने के उद्देश्य से यह घोषणा की गई है कि जिन करदाताओं के पास पैन नहीं है, वे आधार के माध्यम से 1 सितम्बर से अपना आय कर रिटर्न दाख़िल कर सकते हैं।
(15) रुपए 5 लाख तक की कर योग्य आय पर आय कर शून्य रहेगा। परंतु, जिन लोगों की आय रुपए 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच है उनके लिए आय कर पर सरचार्ज को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जा रहा है एवं जिनकी आय रुपए 5 करोड़ से अधिक है उनके लिए आय कर पर सरचार्ज को बढ़ाकर 37 प्रतिशत किया जा रहा है। वर्तमान में यह सरचार्ज 15 प्रतिशत की दर से लगाया जा रहा था।
(16) गृह ऋण के ब्याज पर आय कर में रुपए 1.50 लाख की अतिरिक्त छूट दी जा रही है। इस छूट को वर्तमान में लागू रुपए 2 लाख से बढ़ाकर रुपए 3.50 लाख किया जा रहा है। यह अतिरिक्त छूट केवल रुपए 45 लाख तक की क़ीमत वाले मकानों पर ही लागू होगी। इससे गृह निर्माण के क्षेत्र में द्रुत गति से विकास होने की संभावना है।
(17) स्वास्थ्य पर बजट की राशि में वर्ष 2019-20 में 18.67 प्रतिशत की वृधि की जा रही है।
दरसल वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर से अधिक की राशि की बनाए जाने हेतु उपरोक्त वर्णित प्रयास मील का पत्थर साबित होंगे। साथ ही, उपरोक्त उपायों से देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी जो प्रतिवर्ष 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन सकती है। इससे रोज़गार के कई नए अवसरों का सृजन भी होगा।
13 Comments
Very well analysed.
ReplyDeleteबहुत शोधपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी। आभार
ReplyDeleteDetailed information. Very nice.
ReplyDeleteModi govt.moving towards positive and fruitful results.I m happy to see all these in your well informed article.Thanks.
ReplyDeleteयोजनाओं के वर्णन प्रशंसनीय है। साथ ही उनके क्रियान्वयन पर भी चर्चा अपेक्षित थी।
ReplyDeleteThank you for sharing this precious information. Great work and vision.
ReplyDeleteUnknown10 August 2019 at 02:35
ReplyDeleteआदरणीय सबनानी सर,
देश के प्रधानमंत्री का सपना है कि देश की अर्थव्यवस्था को ५ लाख करोड़ डॉलर तक २०२४-२५ तक पहुंचाना है। इसके लिए आपने अपने लेख में सरकार की योजनाओं,घोषणाओ, उनके द्वारा प्रकाशित आंकड़ों और नीतियों को समेकित किया है। ये जानकारी,तथ्य विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है। मेरा अनुरोध है कि अगले अंक में इन योजनाओं व तथ्यों का आलोचनात्मक विश्लेषण भी प्रस्तुत करें तो निश्चित ही पाठकों को लाभ होगा।
M S Simoliya
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Really,this indicates a true picture for achieving the 5 trillion Dollars Economy. Good and useful arricle
ReplyDeleteAnalytical information...Will certainly help us understand a lot of things.Good work sir.
ReplyDeleteVery needful currently economic scenerio
ReplyDeleteThought provoking article.
ReplyDeleteNice article
ReplyDeleteG Prakash
Very elaborative and elucidative about economic scenario ����
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